Attitide Shayari
काबिल नजरो के लिये हम जान दे दे परकोई गुरुर से देखे ये हमे मंजूर नही न-खुश है हम से इस बात पर ज़मानाशामिल नहीं है हमारी फ़ितरत में सर…
काबिल नजरो के लिये हम जान दे दे परकोई गुरुर से देखे ये हमे मंजूर नही न-खुश है हम से इस बात पर ज़मानाशामिल नहीं है हमारी फ़ितरत में सर…
बेवफ़ा निकले वो शहर.जिनके लिए अपना गाँव छोड़ा था. दुश्मनो की अब किसे जरूरत हैअपने ही काफी है दर्द देने के लिए खामोशियां कभी बेवजह नहीं होतीकुछ दर्द ऐसे भी…
मेरे होंठो पर लफ्ज़ भी अब तेरी तलब लेकर आते हैं,तेरे जिक्र से महकते हैं तेरे सजदे में बिखर जाते हैं। वो पिला कर जाम होंठो से अपनी मोहब्बत का,अब…
तू हज़ार बार भी रूठे तो मना लूँगा तुझेमगर देख मोहब्बत में शामिल कोई दूसरा ना हो देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँहमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल…