
जिनके लिए अपना गाँव छोड़ा था.

अपने ही काफी है दर्द देने के लिए

कुछ दर्द ऐसे भी होते है जो आवाज़ छीन लेती है

याद में तेरे दिल आज भी रो पड़ा है

जो कहते थे हम सिर्फ तुम्हारे है

मै थक चूका हूँ खुद को ज़िंदा समझते समझते

रूह तक उतारते उतारते जिस्म को खोखला कर गया

जोभी मिलता है समझा के चला जाता है

आखिर में उसे थोड़ा कम ही लगता है

मै अपनी उम्र से कई साल बड़ा हूँ