मेरे होंठो पर लफ्ज़ भी अब तेरी तलब लेकर आते हैं,तेरे जिक्र से महकते हैं तेरे सजदे में बिखर जाते हैं। वो पिला कर जाम होंठो से अपनी मोहब्बत का,अब कहते हैं नशे की आदत अच्छी नहीं होती। बिन दिल के जज्बात अधूरे, बिन धड़कन अहसास अधूरे,बिन साँसों के ख्वाब अधूरे, बिन तेरे हम कब हैं पूरे। दूर होकर भी जो शख्स समाया है मेरी रूह में,पास वालों पर वो कितना असर रखता होगा। मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पर खत्म,ये वो जुल्म है जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं। शराब तो यूँ ही बदनाम है हमने तो मोहब्बत के नशे में,लोगों को मरते हुए देखा है। मानता ही नहीं कमबख्त दिल उसे चाहने से,मैं हाथ जोड़ता हूँ तो ये गले पड़ जाता है। न पूछ दिल की हकीक़त मगर ये कहता है,वो भी बेक़रार रहे जिसने बेक़रार किया। अब जिसके जी में आये वही पाये रौशनी,हमने तो दिल जला कर सरेआम रख दिया। मेरे लबों का तबस्सुम तो सबने देख लिया,जो दिल पे बीत रही है वो कोई क्या जाने। Related Post navigation Love Shayari Sad Shayari
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