
तेरे जिक्र से महकते हैं तेरे सजदे में बिखर जाते हैं।

अब कहते हैं नशे की आदत अच्छी नहीं होती।

बिन साँसों के ख्वाब अधूरे, बिन तेरे हम कब हैं पूरे।

पास वालों पर वो कितना असर रखता होगा।

ये वो जुल्म है जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं।

लोगों को मरते हुए देखा है।

मैं हाथ जोड़ता हूँ तो ये गले पड़ जाता है।

वो भी बेक़रार रहे जिसने बेक़रार किया।

हमने तो दिल जला कर सरेआम रख दिया।

जो दिल पे बीत रही है वो कोई क्या जाने।