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यूं बेवजह शिकायते किसी से ना करो,
नही तो तुम्हारी उम्मीदे बेवजह बढ़ जाएगी।
छोटे घरों में कोशिश का हाथ थामे रखो,
कदम मंज़िल तक ज़रूर पहुच जाएंगे।
अगर मंज़िल तक मोड़ ज़िन्दगी में आते ही आते है,
मगर लोग ये नही समझते इसलिए चलते चलते रुक जाते है।
“जितना बदल सकते थे ख़ुद को बदल लिया
अब जिसको शिकायत है वो अपना रास्ता बदले”
“सभी तूफान आपके जीवन को अस्त व्यस्त करने नहीं आते
कुछ आपका रास्ता साफ करने भी आते हैं”
“समुद्र बड़ा होकर भी अपनी हद में रहता है
जबकि इन्सान छोटा होकर भी
अपनी हद भूल जाता है”
सीमित शब्द हो और
असीमित अर्थ हो लेकिन इतना ही हो
कि शब्दों से किसी को कष्ट न हो
“करनी हो पहचान अगर गमगीन शख्स की
दोस्तों गौर से देखना वो मुस्कुराते बहुत है”
सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था! ?
वक़्त तो अब लफ़्ज़ों में दिया जाता है,
रूबरू तो महज दिखावा किया जाता है।

By rutvi

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