ऐ बुरे वक्त, जरा अदब से पेश आ,वक्त नही लगता वक्त बदलने में। हर वक्त मेरा वहम नहीं जाता,एक बार और कह दो की तुम मेरे हो।। खूब करता है, वो मेरे ज़ख्म का इलाज,कुरेद कर देख लेता है और कहता है वक्त लगेगा।। मैं तो वक्त से हार कर सर झुकाएँ खड़ा था,सामने खड़े कुछ लोग ख़ुद को बादशाह समझने लगे।। कितना भी समेट लो हाथों से फिसलता ज़रूर है,ये वक्त है दोस्तों बदलता ज़रूर है।। वक्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमां,हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में हैं।। आदमी के शब्द नहीं,वक्त बोलता है।। वक़्त लगता है खुद को बनाने मे,इसलिए वक़्त बर्बाद मत करो किसी को मानाने में। अभी तो थोडा वक्त हैं,उनको आजमाने दो,रो-रोकर पुकारेंगे हमें,हमारा वक्त तो आने दो… वक़्त बहुत कुछ, छीन लेता है,खैर मेरी तो सिर्फ़ मुस्कुराहट थी। Related Post navigation Friend-Ship Shayari Life Shayari