


जिंदगी जो तूने जख्म दिए वो गहरा ना था

वादा है तुझसे मै उसे हंस के गुजार दूंगा

या दिल में उतर जाये या दिल से उतर जाये

हंसी आ रही है तेरी सादगी पर

सोचा कुछ किया कुछ हुआ कुछ और मिला कुछ

साथ चलने वालो को हमसफर नहीं कहते

मिटटी के गुलको की कोई उम्र नहीं होती

ज़िन्दगी जब मायूस होती है तभी तो महेसूस होती है