
कि हम ये जमाना ही भूल गये,
तुम्हें याद आए न आए हमारी कभी,
पर हम तो तुम्हें भुलाना ही भूल गये।

वो हँसा नहीं सकते हम रुला नहीं सकते,
दोस्ती इतनी खूबसूरत है हमारी,
वो बता नहीं सकते हम जता नहीं सकते।

दिल के अरमानों की मंज़िल है दोस्ती,
ज़िन्दगी भी बन जाएगी अपनी तो जन्नत,
अगर मौत आने तक साथ दे दोस्ती।

जैसे-जैसे दोस्तों को आजमाता जा रहा हूँ।

हमको तोहफे ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले।

साहिल से दोस्तों के भरम ने डुबो दिया।

जब बुरे वक़्त पे देखा तो कोई यार न था।

दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी,
जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा,
उसे ज़िन्दगी से कोई और शिकायत क्या होगी।

यह वो होंठ हैं जो कभी नहीं सिलते,
हमसे बिछड़ोगे तो एहसास होगा तुम्हें,
हम वो दोस्त हैं जो दोबारा नहीं मिलते।

हर मुसाफिर ज़िन्दगी का सहारा नहीं होता,
मिलते है लोग इस तनहा ज़िन्दगी में पर,
हर कोई दोस्त तुम सा प्यारा नहीं होता।