No Widgets found in the Sidebar
ज़िंदगी में कुछ खत्म होना ज़रूरी होता है, कुछ नया शुरू करने के लिए II
एक हादसा जरूर चाहिए ज़िंदगी में, सिर्फ बातों से आज तक कोई नहीं सीखा है
हादसों की मार से टूटे अगर जिंदा रहा
जिंदगी जो तूने जख्म दिए वो गहरा ना था
ऐ ज़िन्दगी जितनी मर्जी है तक़लीफ़िया बढ़ा
वादा है तुझसे मै उसे हंस के गुजार दूंगा
इंसान की किरदार की दो ही मंजिले है
या दिल में उतर जाये या दिल से उतर जाये
मुझे ज़िन्दगी की दुआ देने वाले
हंसी आ रही है तेरी सादगी पर
अजीब तरह से गुजर रही है ज़िन्दगी
सोचा कुछ किया कुछ हुआ कुछ और मिला कुछ
बात सिर्फ इतनी सी है लाइफ की राहों में
साथ चलने वालो को हमसफर नहीं कहते
जितने दिन तक जी गई बस उतनी ही है लाइफ
मिटटी के गुलको की कोई उम्र नहीं होती
लिखने वाले ने किया खूब लिखा है
ज़िन्दगी जब मायूस होती है तभी तो महेसूस होती है

By rutvi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *