
तुमको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता

जिसके दिल में इंसानियत है, उस दिल में खुदा है।


जैसे केवल हमारा ही अस्तित्व हो।

लेकिन अपनी तैयारी पूरी रखें।”

जिसे हम “माँ-बाप” के नाम से जानते है।

सिर्फ इसे देखने वाला चाहिए

हम जो बनते है, वह परमेश्वर को हमारी देन है।”

वे सिर्फ उसे पहचानतें नहीं।

वो तो एक भाव, एक प्रवृति है