
तु रह भी नहीं पायेगा पूरा किसी और का होकर॥”

कुछ लोग आते है दुनिया में तन्हाइयों के लिए॥”

नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से॥”

तेरी महेफील में हम बेजुबान बैठे है॥”

मगर मोहब्बत ने बिच में शरारत कर दी॥”

जिंदगी बेच दी मैंने उसे पाने की खातिर॥”

तो रहने दे इश्क़ कौन सा ज़रूरी है॥”

अगर कहीं लग जाए तो फिर कहीं लगता नहीं॥”

ख्वाबों मे भी मिलती है तो बात नही करती॥”

उन्हे प्यार की निशानियाँ रुला देती है॥”