
कि ज़िंदगी आपको मजबूत करने में ही मजबूर हो जाये।

कि आपके ज़मीन पर पैर ही ना रहे।

जीवन हष्ट-पुष्ट रहेगा।

जब वो दे ख़ुशी ख़ुशी ले ले
और जब लेने लगे खुश होकर दे दे।

कि घर की बाते बाहर ना जा पाए।

जितना कि दिखावटी अच्छापन।


आपका दिल ही मोम है कोई क्या करे।

उतना भगवान की यारी में लगेगा।

टूटने पर टूटते ही रहोगे मजबूर हो जाओगे।