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कभी भी किसी के लिए इतने मजबूर मत होना ,
कि ज़िंदगी आपको मजबूत करने में ही मजबूर हो जाये।
इतनी भी मशहूरी अच्छी नहीं ,
कि आपके ज़मीन पर पैर ही ना रहे।
मन संतुष्ट रहेगा ,
जीवन हष्ट-पुष्ट रहेगा।
तालमेल रखा कीजिये ज़िंदगी से ,
जब वो दे ख़ुशी ख़ुशी ले ले
और जब लेने लगे खुश होकर दे दे।
दरवाज़ा बस इतना खुला छोडो ,
कि घर की बाते बाहर ना जा पाए।
इतना बुरा होना गलत नहीं है ,
जितना कि दिखावटी अच्छापन।
कोशिश करने वालों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।
शब्दों की कोई गलती नहीं है जनाब ,
आपका दिल ही मोम है कोई क्या करे।
मन जितना दुनियादारी से हटेगा ,
उतना भगवान की यारी में लगेगा।
टूट-टूट कर जुड़ते रहोगे मजबूत हो जाओगे ,
टूटने पर टूटते ही रहोगे मजबूर हो जाओगे।

By rutvi

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