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सोचता हूँ जिंदा हूँ मांग लूं सबसे माफ़ी,
ना जाने मरने के बाद कोई माफ़ करे या ना करे..!!
माना गलती हुई हैं हमसे,
पर ऐसे खामोश ना हो जाइये..!!
नाराज क्यूँ होते हो किस बात पे हो रूठे,
अच्छा चलो ये माना तुम सच्चे हम ही झूठें..!!
मुझे बहुत दुःख है कि मैंने तुम्हारा दिल दुखाया,
ऐसा दोबारा कभी नहीं होगा सॉरी..!!
सितम सारे हमारे छाँट लिया करो,
नाराजगी से अच्छा डांट लिया करो..!!
नाराज़गी हमसे हैं,
और तकलीफ़ ख़ुद को देना ग़लत बात हैं..!!
गुस्से में कुछ और भी हसीन लगते हो,
बस यही सोच कर तुमको खफा रखा है..!!
माफ़ी चाहता हूँ गुनहगार हूँ तेरा ऐ दिल,
तुझे उसके हवाले किया जिसे तेरी कदर नहीं..!!
हीं नाराज न हो जाए प्यार मुझसे,
हर सुबह उठते ही खुदा से पहले तुझे जो याद करता हूँ..!!
रूठ कर कुछ और भी हसीन लगते हो,
बस यही सोच कर तुम को खफा रखा है..!!

By rutvi

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