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पैरों में आई मोच और छोटी सोच
इंसान को आगें नहीं बढ़ने देती हैं.
पैसा हैसियत बदल सकता हैं,
औक़ात नहीं.
बुरा वक्त रुलाता है,
मगर बहुत कुछ सीखा कर जाता है.
तुझसे कोई शिकायत नहीं है ऐ ज़िन्दगी
जो भी दिया है वही बहुत है.
भिक और सिख,
ठोकरें खा कर ही मिलती हैं.
उस इंसान से कभी झूठ मत बोलिए,
जिसे आपके झूठ पर भी विश्वास हो.
प्रशंसा से पिघलना मत
और आलोचना से उबलना मत.
हसरत पूरी ना हों तो ना सही,
ख्वाहिश करना कोई गुनाह तो नहीं.
वो अपने ही होते हैं,
जो लफ्जों से मार देते है.
सही वक्त पर पिए गए कड़वे घूंट
अक्सर ज़िन्दगी मीठी कर दिया करते है.

By rutvi

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