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अपनो ने अकेला इतना कर दिया,
कि अब अकेलापन ही अपना लगता है।
मुझे गिरे हुए पत्तों ने सिखाया है….
बोझ बन जाओगे तो
अपने भी गिरा देंगे।।।
बदली नहीं हूँ मैं मेरी भी कुछ कहानी है…
बुरी बन गई हूँ अपनों की
मेहरबानी है…!!
जो मेरे बिना खुश हैं,
मै उसे क्यों परेशान करू.!
हर वक्त ऑनलाइन रहने
वाले लोग असल जिंदगी में
बहुत अकेले होते है…
खामोशी को चुना है
क्योंकि बहुत कुछ सुना है।
मैंने
नफ़रत तो नहीं है
पर अब किसी से बात करने का
दिल नहीं करता….
हम तो आज भी अकेले नहीं रहते,
हमारे अकेलेपन ने हमें अपना बना लिया है;
अकेले रहना सीख लिया है,मैंने…
अब तुम अपने Time
का अचार डालों…
जिन्दगी भी उन्हेरलाती है….
जिनके पास आंसू पोछने वाला
कोई नहीं होता।।I

By rutvi

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